हाथ में कलम है दिल में जलन है, सोचता हूँ जो मैं भरम ही भरम है, हाथ में कलम है दिल में जलन है, सोचता हूँ जो मैं भरम ही भरम है,
माँ सरस्वती हँसवाहिनी माँ तू श्वेत वस्त्र धारीणी। माँ तू कमल पुष्प पदमासिनि। माँ त माँ सरस्वती हँसवाहिनी माँ तू श्वेत वस्त्र धारीणी। माँ तू कमल पुष्प पदमासि...
घर में घर में
मध्यांतर में मध्यांतर में
शीशे में शीशे में
क्या रिश्ता उससे मेरा है क्यूँ याद आती हर पल उसकी थम जाता दिल मेरा हैहर बातों में याद उसकी सुख दुःख ... क्या रिश्ता उससे मेरा है क्यूँ याद आती हर पल उसकी थम जाता दिल मेरा हैहर बातों मे...